आज की भागदौड़ में लोग अपने खानपान और रोजमर्रा की आदतों में ओरल हेल्थ पर कम ध्यान दे पाते हैं। खराब ब्रशिंग, जंक फूड, ज्यादा चाय-कॉफी और तंबाकू जैसी चीजें दांतों पर पीलापन और दाग छोड़ देती हैं। धीरे-धीरे यह समस्या न सिर्फ आपके चेहरे की मुस्कान बिगाड़ती है बल्कि दांतों को कमजोर भी बना देती है।
बाजार में दांतों को चमकाने के लिए तरह-तरह के टूथपेस्ट और पाउडर मिलते हैं, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल्स ज्यादातर दांतों की इनेमल परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे दांतों को सुरक्षित तरीके से मजबूत बनाने और दाग हटाने का बेहतरीन विकल्प हैं।
इन्हीं घरेलू नुस्खों में फिटकरी यानी Alum का इस्तेमाल सबसे पुराना और असरदार माना गया है। आयुर्वेदिक डॉक्टर भी फिटकरी के दांत और मसूड़ों पर फायदों की सलाह देते हैं।
फिटकरी से दांतों का पीलापन साफ करने का तरीका
फिटकरी (Alum) को पानी में अच्छी तरह पिसकर हल्का झागदार पाउडर या महीन मिक्सचर तैयार किया जाता है। इसे दांतों पर रगड़कर, या गुनगुने पानी में घोल कर माउथ वॉश की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुबह या रात सोने से पहले फिटकरी का यह प्रयोग दांतों पर जमे पीलापन और मैल को धीरे-धीरे साफ करता है। हफ्ते में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से दांतों की चमक लौट आती है और मुंह से आने वाली दुर्गंध भी कम होती है।
ध्यान रहे कि फिटकरी का इस्तेमाल सीधा पाउडर की तरह बहुत ज्यादा न किया जाए, क्योंकि यह तेज होता है। हमेशा इसे पानी या नमक के साथ हल्का करके प्रयोग करना ही लाभकारी माना गया है।
ओरल हेल्थ के लिए फिटकरी के फायदे
दांतों का पीलापन कम करना
फिटकरी के एंटीसेप्टिक गुण दांतों पर जमे दाग-धब्बों को हटाकर प्राकृतिक सफेदी लौटाते हैं। यह पीलापन कम करने का सुरक्षित और नेचुरल तरीका है।
मसूड़ों को मजबूत करना
फिटकरी मसूड़ों के ढीलेपन और खून आने की समस्या को दूर करती है। नियमित प्रयोग से मसूड़े टाइट और मजबूत बनते हैं, जिससे दांतों की पकड़ बेहतर रहती है।
मुंह की दुर्गंध खत्म करना
फिटकरी के माउथवॉश से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया खत्म होते हैं। इससे सांसों की बदबू गायब हो जाती है और मुंह ताजा महसूस होता है।
कीड़े और संक्रमण से बचाव
फिटकरी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दांतों में कीड़े लगने और इन्फेक्शन से बचाते हैं। यह प्राकृतिक टॉनिक की तरह ओरल कैविटी को साफ रखता है।
सरकार और आयुष मंत्रालय की पहल
आयुर्वेद के महत्व को समझते हुए भारत सरकार का आयुष मंत्रालय प्राकृतिक उपचार और घरेलू नुस्खों के प्रचार-प्रसार पर जोर दे रहा है। मंत्रालय ने कई योजनाओं और जागरूकता कार्यक्रमों के तहत लोगों को फिटकरी, त्रिफला, नीम और लौंग जैसे आयुर्वेदिक उपायों से दांतों और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जागरूक किया है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission) के जरिए परंपरागत औषधियों और घरेलू जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में डेंटल हेल्थ कैम्प्स भी आयोजित किए जाते हैं जहां आयुर्वेदिक डॉक्टर लोगों को फिटकरी और अन्य सुरक्षित उपायों की जानकारी देते हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि लोग महंगी और केमिकलयुक्त डेंटल क्रीम्स पर निर्भर न रहें, बल्कि प्राकृतिक और सुरक्षित माध्यम से अपनी ओरल हेल्थ को बनाए रखें।
कैसे करें इस्तेमाल
- आधा चम्मच फिटकरी का चूर्ण गुनगुने पानी में डालकर माउथवॉश की तरह दिन में एक बार उपयोग करें।
- हफ्ते में दो से तीन बार फिटकरी का पतला पेस्ट बनाकर दांतों पर हल्के हाथ से रगड़ें।
- बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
फिटकरी एक सस्ता, सरल और प्राकृतिक उपाय है जो दांतों के पीलापन, मसूड़ों की कमजोरी और मुंह की दुर्गंध को दूर करता है। यह ओरल हेल्थ को सुरक्षित और मजबूत बनाता है बिना किसी साइड इफेक्ट के। आयुर्वेदिक डॉक्टर भी इसे अपनाने की सलाह देते हैं और सरकार भी आयुष योजनाओं के जरिए घरेलू नुस्खों को प्रोत्साहन दे रही है। इसका नियमित और सावधानीपूर्ण प्रयोग आपकी मुस्कान को फिर से चमका सकता है।