मुंह के छाले यानी माउथ अल्सर एक आम लेकिन बहुत दर्दनाक समस्या है। जब यह होते हैं तो बोलना, खाना और यहां तक कि पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार छाले जीभ पर, होंठों के अंदर या मसूड़ों के पास होते हैं जिससे पूरा मुंह जलता हुआ महसूस होता है। आमतौर पर यह समस्या पाचन गड़बड़ी, अधिक मसालेदार भोजन, तनाव, विटामिन की कमी या गर्मी के कारण होती है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, कुछ घरेलू उपायों से हम इस दर्दनाक परेशानी से जल्दी राहत पा सकते हैं।
पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण जी ने ऐसे कई सरल नुस्खे बताए हैं जो मुंह के छालों को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं। इन नुस्खों से किसी दवाई या केमिकल की जरूरत नहीं होती, केवल घरेलू और प्राकृतिक चीजों से उपचार संभव है।
Mouth Ulcer Treatment 2025
मुंह के छाले ज्यादातर उस समय होते हैं जब पाचन तंत्र कमजोर हो या शरीर में गर्मी अधिक हो जाए। आयुर्वेद में इसे “मुखपाक” कहा गया है। जब शरीर में पित्त की अधिकता होती है, तो मुंह के अंदर छाले बन जाते हैं जो जलन और दर्द देते हैं। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इस स्थिति में शरीर को ठंडक देने और पाचन को संतुलित करने की जरूरत होती है।
छाले क्यों होते हैं?
आचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि छालों का सबसे बड़ा कारण कब्ज, पाचन की खराबी और शरीर में गर्मी है। जो लोग देर रात तक जागते हैं, तला-भुना व मसालेदार खाना बार-बार खाते हैं या पानी कम पीते हैं, उन्हें यह समस्या जल्दी होती है। इसके अलावा, विटामिन B12, आयरन, और फोलिक एसिड की कमी भी एक बड़ा कारण होता है।
तनाव या नींद की कमी भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती है, जिससे मुंह के छाले और बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों में बार-बार यह समस्या होती है, जो संकेत देता है कि पाचन और रक्त शुद्धिकरण प्रणाली कमजोर है।
आचार्य बालकृष्ण के घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे
1. त्रिफला से कुल्ला करें
आचार्य बालकृष्ण सलाह देते हैं कि छालों में त्रिफला सबसे उत्तम औषधि है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर डालकर रात में कुल्ला करें या गरारे करें। इससे मुंह के बैक्टीरिया खत्म होते हैं और घाव जल्दी भरने लगते हैं।
2. मुलहठी और मिश्री का सेवन
छालों में राहत के लिए आचार्य बालकृष्ण मुलहठी को खासतौर पर सुझाते हैं। मुलहठी में एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और जलन को तुरंत कम करते हैं। दिन में दो बार मुलहठी और मिश्री का चूर्ण मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसें। यह मुंह को ठंडक पहुंचाता है और छालों को सूखने में मदद करता है।
3. नारियल पानी और घी का उपयोग
नारियल पानी शरीर से गर्मी निकालने का सबसे आसान उपाय है। इसे दिन में दो बार पीने से शरीर में ठंडक आती है और छाले तेजी से ठीक होते हैं। इसके साथ ही, शुद्ध देसी घी या नारियल तेल की कुछ बूंदें छाले पर लगाने से दर्द में आराम पाया जा सकता है।
4. तुलसी और शहद का मिश्रण
तुलसी की पत्तियों में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। पांच से छह तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। यह मिश्रण सीधे छाले पर लगाने से जलन तुरंत कम होती है और छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
5. ठंडा गाय का दूध या छाछ का सेवन
मुंह के छाले होने पर मसालेदार और गर्म चीजों से परहेज करें। इसके बजाय ठंडी छाछ, दूध या दही खाएं। यह शरीर को ठंडक देता है और पाचन में सुधार करता है।
खानपान और सावधानियां
आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि छालों के इलाज के साथ-साथ खानपान सुधारना बहुत जरूरी है। मसाले, तेल और तीखी चीजों से कुछ दिनों तक दूरी बनाएं। नींबू, इमली, और अधिक नमक वाले पकवान से बचें।
दिन में कम से कम 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं ताकि शरीर में डिटॉक्स प्रक्रिया तेज हो सके। साथ ही हरी सब्जियों, फल, अंकुरित दालें और विटामिन से भरपूर आहार लें। दो से तीन दिन तक गुनगुना पानी पीना और त्रिफला चूर्ण का उपयोग करने से नतीजे जल्दी मिलते हैं।
अगर छाले बार-बार होते हैं, तो यह किसी गहरी बीमारी का संकेत भी हो सकता है जैसे कि गैस्ट्रिक अल्सर या विटामिन की गंभीर कमी। ऐसे में डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है।
छालों के लिए कुछ आसान होम टिप्स
- दिन में दो बार नमक के गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
- बर्फ का टुकड़ा मुंह में रखकर कुछ देर रखें, इससे जलन कम होती है।
- हल्दी और मिश्री का लेप बना कर छाले पर लगाएं।
- एलोवेरा जेल या गुलाब की पंखुड़ियों का रस भी छाले पर लगाने से आराम देता है।
ये उपाय शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं और किसी साइड इफेक्ट का डर नहीं होता।
शरीर को अंदर से ठंडा रखें
आचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि मुंह के छालों का इलाज केवल बाहरी नहीं है। इसे जड़ से मिटाने के लिए शरीर को अंदर से ठंडा रखना जरूरी है। शरीर में अगर गर्मी या अम्लता बढ़ी हुई है तो छाले बार-बार आएंगे। इसलिए सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस, आंवला रस या नींबू-मिश्री पानी का सेवन लाभदायक होता है।
साथ ही, योग और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति करने से शरीर का संतुलन बना रहता है और पाचन सुधरता है, जिससे छाले होने की संभावना कम होती है।
निष्कर्ष
मुंह के छाले भले ही छोटी समस्या लगें पर जब यह बढ़ जाते हैं तो रोजमर्रा के जीवन को मुश्किल बना देते हैं। आचार्य बालकृष्ण के बताए हुए आयुर्वेदिक नुस्खे न केवल तुरंत राहत देते हैं बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। इन प्राकृतिक इलाजों को अपनाकर और खानपान में सादगी लाकर आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।