शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव! B.Ed और D.El.Ed वालों के लिए नई गाइडलाइन जारी

आजकल शिक्षक बनने का सपना बहुत लोगों का है, लेकिन अब इसमें एक नई बदलाव लाया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने B.Ed और D.El.Ed डिग्रीधारकों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसका लक्ष्य शिक्षकों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है और विद्यालयों में छात्रों को आधुनिक और प्रैक्टिकल शिक्षा देना है।

अब कई विद्यार्थी और अभ्यर्थी सवाल पूछ रहे हैं कि शिक्षक बनने के लिए कौन-सी डिग्री ज़रूरी है? क्या पहले की तरह नियम रहेंगे या नई प्रक्रिया अपनानी होगी? यह बदलाव क्यों जरूरी हैं और नया सिस्टम किस तरह लागू होगा? आज हम इस पर विस्तार से जानकारी देंगे।

यह खबर खासतौर पर उन युवाओं के लिए है जो भविष्य में शिक्षक बनना चाहते हैं या इससे जुड़े कोर्स में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस गाइडलाइन के अनुसार देशभर में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी और समान बनाने की कोशिश हुई है।

शिक्षक बनने की नई प्रक्रिया और महत्व

शिक्षकों के चयन को पूरी तरह से मानकीकृत और पारदर्शी बनाया गया है। अब B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) या D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) वाली डिग्री के साथ कुछ नए मानदंड तय किए गए हैं।

इस नए नियम के अनुसार, अभ्यर्थियों को बी.एड या डी.एल.एड को पूर्ण करने के बाद एक प्रशिक्षण परीक्षा (TET-Teacher Eligibility Test) देना अनिवार्य है। इसके बाद ही सरकारी स्कूलों में सहायक अध्यापक की पोस्ट के लिए आवेदन किया जा सकता है।

गाइडलाइन में साफ लिखा गया है कि अब सिर्फ डिग्री होने से नौकरियां नहीं मिलेंगी, बल्कि प्रैक्टिकल स्किल्स और ज्ञान की भी जांच होगी। इससे शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता बढ़ेगी और सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि बच्चों को सही मार्गदर्शन देने वाले शिक्षक मिलेंगे।

नई गाइडलाइन के तहत कॉलेज स्तर पर भी इंटर्नशिप जरूरी कर दी गई है। सभी शिक्षण संस्थानों को अपने कोर्स में विद्यार्थियों को स्कूलों में जाकर पढ़ाने और अनुभव लेने का मौका देना होगा।

नई शिक्षक भर्ती गाइडलाइन की मुख्य बातें

  • B.Ed और D.El.Ed डिग्री के साथ टीईटी (TET) अनिवार्य कर दिया गया है।
  • शिक्षक बनने के लिए अब इंटर्नशिप और स्कूल अनुभव जरूरी।
  • सभी राज्यों में एक जैसी प्रक्रिया लागू होगी।
  • स्कूलों में शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता और योग्यता पर फोकस।
  • प्रैक्टिकल नॉलेज और बच्चों से संवाद करने की क्षमता भी देखी जाएगी।
  • टीईटी पास अभ्यर्थियों की एक पैनल लिस्ट बनेगी, उसी के आधार पर चयन।
  • कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए नेट (NET) या पीएचडी के साथ ट्रेनिंग परीक्षा जरूरी।
  • टीचर ट्रेनिंग कोर्स की सीटों की संख्या और सीट आवंटन का तरीका भी नया बनेगा।
  • उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियमित मूल्यांकन की व्यवस्था रहेगी।

‘शिक्षक बनने के लिए नई गाइडलाइन’ – ओवरव्यू टेबल

बिंदुविवरण
योग्यताB.Ed या D.El.Ed डिग्री
अनिवार्य परीक्षाTET (Teacher Eligibility Test)
इंटर्नशिप/स्कूल अनुभवहाँ, कोर्स के दौरान अनिवार्य
चयन प्रक्रियाTET पास अभ्यर्थियों की पैनल लिस्ट
कॉलेज स्तर के शिक्षक के लिएNET/PhD + ट्रेनिंग परीक्षा
स्किल टेस्ट/प्रैक्टिकल चेकसड़क अनुभव (स्कूल इंटर्नशिप)
भर्ती में पारदर्शिताराज्यों में समान प्रक्रिया
सीट आवंटन/सीट संख्यानया सिस्टम, नियमित मूल्यांकन
पैरामीटरप्रैक्टिकल, संवाद, समझ

B.Ed और D.El.Ed वालों के लिए जरूरी नई बातें

  • सभी अभ्यर्थियों को अपनी डिग्री के दौरान इंटर्नशिप करनी होगी।
  • टीईटी परीक्षा पास किए बिना शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
  • कॉलेज स्तर के लिए नेट या पीएचडी और मंत्रालय द्वारा तय ट्रेनिंग जरूरी होगी।
  • अब कोई भी कोचिंग या सिर्फ डिग्री से ‘पद’ नहीं मिलेगा, मेहनत और स्किल का टेस्ट होगा।
  • सभी राज्यों की एजुकेशन काउंसिल को यह प्रक्रिया लागू करनी होगी।
  • सीट आवंटन में भी खाली सीटों और जरूरत के हिसाब से बदलाव होगा।

इसके लागू होने के फायदे

  • शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • बच्चों को बेहतर समझ वाले, टेक्निकल और आधुनिक शिक्षक मिलेंगे।
  • शिक्षक बनने के लिए सिर्फ डिग्री का जमाना खत्म होगा।
  • ज़्यादा पारदर्शिता के कारण फर्जीवाड़े और गलत तरीके से भर्ती रोकने में मदद मिलेगी।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वालों को साफ दिशा मिलेगी और भ्रम कम होगा।

सरकार का उद्देश्य और बड़ी घोषणाएं

सरकार का जोर इस बात पर है कि हर स्कूल और कॉलेज में योग्य, एक्सपर्ट और आईडियल शिक्षक हों। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि इन नियमों का पालन हर हाल में करें और कोई छूट न दें।

आने वाले सालों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पूरी तरह नई नींव पर खड़ी होगी, ताकि बच्चे सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यवहारिक, नैतिक और व्यावसायिक समझ भी सीखें।

छात्रों और माता-पिता के लिए नई जानकारी

अब बच्चे और उनके माता-पिता प्लानिंग कर सकते हैं कि शिक्षक बनने के लिए पहले कौन-सी डिग्री, फिर कौन-सी ट्रेनिंग या परीक्षा जरूरी है। किसी भी फर्जी डिग्री या शॉर्टकट से नौकरी नहीं मिल सकती।

यह बदलाव निश्चित तौर पर विद्यार्थी, स्कूल, कॉलेज और शिक्षा व्यवस्था के लिए नया युग शुरू करेगा।

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    Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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