DAP, TSP, SSP और NPK में क्या फर्क है? कौन-सी खाद सबसे असरदार है किसानों के लिए

DAP, TSP, SSP और NPK खाद में मुख्य अंतर उनके पोषक तत्वों की मात्रा और अनुपात में है। DAP में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है, जबकि SSP में 16% फास्फोरस, 11% सल्फर और कैल्शियम होता है। TSP में 46% फास्फोरस होता है और यह DAP के बराबर फास्फोरस देता है। NPK खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित अनुपात होता है। DAP की जगह SSP या TSP का उपयोग किया जा सकता है, जिससे लागत कम होती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है.

DAP, TSP, SSP और NPK खाद क्या है

DAP, TSP, SSP और NPK खाद कृषि में उपयोग किए जाने वाले मुख्य रासायनिक उर्वरक हैं। ये फसलों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) में नाइट्रोजन और फास्फोरस होता है। TSP (ट्रिपल सुपर फॉस्फेट) और SSP (सिंगल सुपर फॉस्फेट) फास्फोरस युक्त खाद हैं। NPK खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित मिश्रण होता है। ये खाद फसलों के विकास और उत्पादन में सुधार के लिए उपयोग किए जाते हैं.

खेती में उचित खाद का चयन फसल की उपज बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। अलग-अलग फसलों को अलग पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए किसानों को अपनी फसल और मिट्टी की जांच के आधार पर सही खाद का चयन करना चाहिए। गलत खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है और लागत बढ़ सकती है। इसलिए खाद के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.

खाद के प्रकार और उनके फायदे

DAP खाद में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है। यह फसलों के शुरुआती चरण में तेजी से विकास के लिए उपयोगी है। TSP खाद में 46% फास्फोरस होता है और यह DAP के बराबर फास्फोरस प्रदान करता है। SSP खाद में 16% फास्फोरस, 11% सल्फर और कैल्शियम होता है। यह तिलहन और दलहन फसलों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है। NPK खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित अनुपात होता है, जो फसलों के संतुलित विकास के लिए आवश्यक है.

खाद के चयन में फसल की आवश्यकता और लागत को ध्यान में रखना चाहिए। SSP खाद DAP की तुलना में सस्ता होता है और बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। इसके उपयोग से लागत कम होती है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है। TSP खाद नए प्रकार का खाद है और इसकी आपूर्ति अच्छी है। NPK खाद दानेदार फसलों के लिए उपयुक्त है क्योंकि इसमें पोटाश होता है, जो दानों में चमक और वजन बढ़ाता है.

खाद तुलना तालिका

खाद का प्रकारनाइट्रोजन (%)फास्फोरस (%)पोटाश (%)अन्य तत्व
DAP18460
TSP0460
SSP0160सल्फर, कैल्शियम
NPK (12:32:16)123216
NPK (10:26:26)102626
यूरिया4600
MOP0060
एमोनियम सल्फेट2000सल्फर

DAP की जगह कौन सी खाद डालें

DAP की जगह SSP या TSP खाद का उपयोग किया जा सकता है। राजस्थान के कृषि विभाग ने किसानों को रबी फसलों के लिए DAP की जगह SSP खाद का उपयोग करने की सलाह दी है। इससे लागत कम होगी और उत्पादन अच्छा होगा। एक बैग DAP के स्थान पर तीन बैग SSP और एक बैग यूरिया का उपयोग किया जा सकता है। इससे फसलों को अधिक नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम और सल्फर मिलता है.

TSP खाद भी DAP का अच्छा विकल्प है। इसमें 46% फास्फोरस होता है, जो DAP के बराबर है। हालांकि, TSP में नाइट्रोजन नहीं होता है। इसलिए इसके साथ यूरिया का उपयोग करना चाहिए। इससे फसलों को आवश्यक पोषक तत्व पूरे अनुपात में मिलते हैं। NPK खाद भी DAP का विकल्प हो सकता है, विशेष रूप से दानेदार फसलों के लिए.

सबसे अच्छा खाद कौन सा है

सबसे अच्छा खाद वह है जो फसल की आवश्यकता के अनुसार हो। DAP खाद शुरुआती चरण में फसल के विकास के लिए अच्छा है। लेकिन SSP खाद लागत के हिसाब से बेहतर है। इसमें सल्फर और कैल्शियम जैसे अतिरिक्त तत्व होते हैं, जो फसल की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। TSP खाद फास्फोरस के मामले में DAP के बराबर है और इसकी आपूर्ति अच्छी है। NPK खाद संतुलित पोषण प्रदान करता है और दानेदार फसलों के लिए उपयुक्त है.

खाद के चयन में फसल के प्रकार, मिट्टी की जांच और लागत को ध्यान में रखना चाहिए। गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों के लिए SSP खाद अच्छा विकल्प है। धान, गेहूं और दालों के लिए NPK खाद उपयुक्त है। TSP खाद नए प्रकार का खाद है और इसका उपयोग फास्फोरस की आवश्यकता वाली फसलों के लिए किया जा सकता है। सही खाद के उपयोग से उत्पादन बढ़ता है और लागत कम होती है.

खाद उपयोग के महत्वपूर्ण बिंदु

खाद का उपयोग बुवाई के समय या उसके तुरंत बाद किया जाता है। सही मात्रा और उपयोग की आवृत्ति फसल के प्रकार, मिट्टी की उर्वरता और मौसम पर निर्भर करती है। मिट्टी की जांच करने से पता चलता है कि किस पोषक तत्व की कमी है। इसके आधार पर खाद का चयन करना चाहिए। खाद को बीज के साथ या उसके पास डालना चाहिए, लेकिन सीधे संपर्क में नहीं.

खाद के उपयोग से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच कर लेनी चाहिए। नकली खाद का उपयोग फसल के लिए हानिकारक हो सकता है। खाद को ठंडे और सूखे स्थान पर रखना चाहिए। उपयोग के बाद खाली बोरियों को जला देना चाहिए या उचित तरीके से निपटान करना चाहिए। खाद के सही उपयोग से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है.

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    Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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