Land Registry New Rule 2025: 7 अहम बातें जो हर जमीन मालिक को तुरंत जाननी चाहिए

जमीन खरीदना या बेचना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा है क्योंकि सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 से जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। यह बदलाव आम लोगों, किसानों और प्रॉपर्टी खरीददारों को सीधा असर करेगा, जिससे कानूनन झंझट कम होंगे और पारदर्शिता बढ़ेगी। भारत सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को जटिल घोटालों, फर्जीवाड़े और विवादों से बचाने की दिशा में यह नया नियम लागू किया है।

पुराने समय में जमीन की रजिस्ट्री करवाते समय कई बार नकली दस्तावेज, डुप्लीकेट सिग्नेचर और गलत रिकॉर्ड सामने आते थे। इसी वजह से सरकार ने नए नियम बनाकर रजिस्ट्री सिस्टम को डिजिटल व ट्रांसपेरेंट करने का फैसला किया है। लोग अब घर बैठे ऑनलाइन सिस्टम के जरिए अपनी जमीन के कागजात वेरिफाई और रजिस्टर करवा सकते हैं।

अब सरकारी नियम के अनुसार रजिस्ट्री के दौरान सारे दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन से होकर गुजरेंगे। इससे मंडी और तहसील ऑफिस में बार-बार जाने की जरूरत नहीं रहेगी। साथ ही, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, फर्जी रजिस्ट्री कैंसिल करने और भूमाफियाओं के पास गलत तरीके से गई जमीनो को सुरक्षित किया जाएगा।

Land Registry New Rule 2025

1 अक्टूबर 2025 से जमीन की रजिस्ट्री के लिए एक नया डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है। अब रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार की आधिकारिक पोर्टल पर जाना जरूरी होगा, जहां खरीदार, विक्रेता और गवाह के डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता होगी।

नये नियम में सबसे बड़ी सुविधा यह है कि सभी जमीन के दस्तावेज सरकार के डिजिटल डेटाबेस में सुरक्षित रहेंगे, जिससे फर्जी रजिस्ट्री, डुप्लीकेट पेपर या फर्जीवाड़े को पूरी तरह से रोकना संभव होगा। हर जमीन मालिक का डाटा भी डेटाबेस से जुड़ जाएगा, जिससे सीधे आधार, PAN, और जमीन का खाता नंबर लिंक रहेगा।

इस प्रोसेस के तहत अब लोगों को पुराने तरीके के पंजीकरण (जैसे कि मैनुअल पेपर वर्क, ऑफलाइन गवाह की जरूरत) से छुटकारा मिलेगा। सभी नियमों का पालन करने के बाद ही जमीन के रजिस्ट्री पेपर पर डिजिटल सिग्नेचर लगाकर रजिस्ट्री कंप्लीट की जाएगी।

रजिस्ट्री के समय कोर्ट फीस, स्टांप ड्यूटी, ट्रांजेक्शन चार्ज जैसी सुविधाएँ भी ऑनलाइन जमा होंगी। इसमें सरकारी अधिकारी रिकॉर्ड वेरिफिकेशन के बाद ही ओटीपी आधारित फाइनल अप्रूवल देंगे।

प्रक्रिया में क्या बदल गया है?

पहला बदलाव यह है कि रजिस्ट्री पूरा डिजिटल हो गया है और सारी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी। अब जमीन के असली मालिक, खरीदार और गवाह की पहचान इलेक्ट्रॉनिक सबूत से ही होगी।

दूसरा बदलाव यह है कि रजिस्ट्री के लिए आधार नंबर, PAN नंबर, और फोन नंबर सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा और डिजिटल वेरिफिकेशन के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे हर व्यक्ति और उसकी जमीन की जानकारी सरकारी डाटा में सुरक्षित रहेगी।

तीसरा बदलाव है कि रजिस्ट्री के दौरान किसी भी फर्जी दस्तावेज या गलत पहचान पाए जाने पर आवेदन तुरंत रिजेक्ट हो जाएगा या अलर्ट जारी होगा। इससे जमीन खरीदने-बेचने में अधिक विश्वास और सुरक्षा मिलेगी।

नई सुविधा और सरकार की लाभकारी पहल

सरकार का लक्ष्य है कि देश के नागरिकों के जमीन के अधिकार सुरक्षित रहें और फर्जीवाड़े से उन्हें बचाया जा सके। इस नए नियम से साफ़-साफ प्रक्रिया, टाइम की बचत, और बिना परेशानी के रजिस्ट्री कराने की सुविधा मिलेगा।

यह नियम सभी राज्यों में एक-सा लागू होगा ताकि हर जगह ट्रांसपेरेंसी बनी रहे। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को समान सुविधा मिलेगी।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ ही सारे दस्तावेज सरकार के पास सुरक्षित रहेंगे, और जरूरत पड़ने पर कोई भी विभाग उन्हें तुरंत वेरीफाई कर सकता है। इससे लैंड रिकॉर्ड का झगड़ा भी कम होगा और न्यायिक मामलों में देर नहीं होगी।

किसको मिलेगा फायदा?

इस नए सिस्टम का सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो पहली बार घर या जमीन खरीद रहे हैं। किसानों के लिए भी यह सुविधा फायदेमंद है क्योंकि अब जमीन का रिकार्ड डिजिटल हो जाएगा।

जिन लोगों को अपनी जमीन के मालिकाना हक को लेकर परेशानियां आती थीं, वे अब आसानी से अपनी रजिस्ट्री करवा सकते हैं और सरकारी रिकार्ड में उसका सबूत हासिल कर सकते हैं।

युवाओं, महिलाओं, और बुजुर्गों को ऑफलाइन दफ्तरों की दौड़ से छुटकारा मिलेगा और वे आसानी से ऑनलाइन प्रोसेस से रजिस्ट्री करवा सकेंगे।

किन चीजों का ध्यान रखना होगा?

रजिस्ट्री के समय आधार नंबर, PAN कार्ड, फोटो, जमीन की पुरानी रजिस्ट्री, दस्तावेज स्कैन, बैंक डिटेल्स, और मोबाइल नंबर सही-सही देना जरूरी होगा। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सारे डॉक्युमेंट्स की ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगी।

हर कदम पर रजिस्ट्री के बाद एसएमएस और ईमेल के जरिए अपडेट्स मिलेंगे, जिससे प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। सभी भुगतान ऑनलाइन पोर्टल के जरिए होंगे, जिससे प्रक्रिया तेज और सरल रह पाएगी।

अगर कोई गलती या समस्या आती है, तो संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

आवेदन प्रक्रिया

  1. सबसे पहले सरकार की आधिकारिक पोर्टल पर जाएं और जमीन रजिस्ट्री का ऑप्शन चुनें।
  2. अपना नाम, आधार नंबर, PAN नंबर, जमीन के दस्तावेज अपलोड करें।
  3. गवाह और विक्रेता के डिजिटल सिग्नेचर लें।
  4. सभी दस्तावेज वेरिफाई होने पर कोर्ट फीस, स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन जमा करें।
  5. ओटीपी या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद अंतिम अप्रूवल लें।
  6. रजिस्ट्री की रसीद डाउनलोड करके सुरक्षित रखें।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लागू किया गया नया जमीन रजिस्ट्री नियम पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है। इससे हर व्यक्ति को अपनी जमीन के अधिकार सुरक्षित रखने और फर्जीवाड़े से बचने में मदद मिलेगी। डिजिटल सिस्टम से सारे रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे और लोग आसानी से अपनी जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे।

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