प्रेमानंद जी महाराज एक जाने माने आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने साधुओं और भक्तों के जीवन को सरल और सफल बनाने के कई उपाय बताए हैं। उनका मुख्य संदेश है कि जीवन में सफलता और सुख पाने के लिए सही मार्ग पर चलना आवश्यक है। खासकर सुबह उठते ही कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मकता और सफलता आती है। उन्होंने बताया है कि कैसे रोजाना सुबह उठकर कुछ मंत्रों का नियमित उच्चारण करने से व्यक्ति की किस्मत और भाग्य बदल सकता है, और जीवन में निरंतर असफलता से बचा जा सकता है।
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सुबह का समय सबसे शुभ और प्रभावशाली होता है। इस समय की साधना और मंत्र जप का प्रभाव पूरे दिन व्यक्ति के जीवन पर गहरा पड़ता है। उन्होंने एक ऐसा मंत्र बताया है, जिसे रोज सुबह 10 मिनट तक जाप करने से न केवल व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं, बल्कि शरीर से रोग भी दूर होते हैं और व्यक्ति मानसिक और आध्यात्मिक रूप से प्रफुल्लित होता है। इस आर्टिकल में प्रेमानंद जी महाराज के द्वारा बताए गए इस मुख्य मंत्र और उसके महत्व को सरल हिंदी में समझाया गया है।
प्रेमानंद जी का मुख्य मंत्र और उसका महत्व
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि सुबह उठते ही “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” का जाप करना चाहिए। इसके बाद “कृष्ण, कृष्ण गोविंद, राधा राधा” मंत्र को भी जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में जन्म जन्मांतर के अशुभ प्रभाव नष्ट हो जाते हैं।
प्रेमानंद जी कहते हैं कि यह मंत्र शरीर से बीमारियों को दूर करता है और जीवन में सुख-शांति एवं आनंद लाता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति रोग रहित, शोक रहित और मन-प्रफुल्लित रहता है। यही मंत्र व्यक्ति को नकारात्मक विचारों और असत्य वृत्तियों से भी मुक्त करता है।
लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि व्यक्ति अपने आचरण में सत्य और धर्म का पालन करे, जैसे कि नशा त्यागे, मांसाहार और हिंसा का समुपयोग न करे। क्योंकि अपवित्र कर्मों से मनुष्य के जीवन में सफलता नहीं आ सकती।
प्रेमानंद जी के अनुसार, भजन-नामजप के बिना मनुष्य के अशुभ कर्म नष्ट नहीं हो सकते, इसलिए यह साधना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा है कि निरंतर सत्संग, तीर्थयात्रा, परोपकार और बड़े-बूढ़ों की सेवा भी जीवन में सफलता के लिए आवश्यक हैं।
नियमित मंत्र जाप का लाभ और सलाह
विषय | विवरण |
मंत्र का जाप | प्रतिदिन सुबह कम से कम 10 मिनट |
प्रमुख मंत्र | “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” और “कृष्ण, कृष्ण गोविंद, राधा राधा” |
लाभ | रोगनाश, मन में शांति, अशुभ प्रभावों का नाश |
आवश्यक आचरण | मांस, मदिरा से परहेज, दुराचार त्यागना |
अतिरिक्त उपाय | तीर्थयात्रा, नामजप, परोपकार, बड़े-बूढ़ों की सेवा |
ध्यान देने योग्य | प्रमाद और असत्य वृत्तियों से बचना अनिवार्य |
दुख-व्यथा निवारण | गजेंद्र मोक्ष का पाठ और सत्संग |
सफलता के नियम | पूर्व कर्मों का नाश करना, सतत प्रयास जारी रखना |
जीवन में असफलता से बचने के सुझाव
प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी बताया है कि यदि बार-बार प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिलती, तो इसका कारण व्यक्ति के पूर्व पाप, अशुभ प्रारब्ध या गलत कर्म हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें नष्ट करने के लिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए। साथ ही, अधिक से अधिक परोपकार करना चाहिए और बड़े-बूढ़ों की सेवा करनी चाहिए।
प्रेमानंद जी कहते हैं कि जो लोग नशा करते हैं, गलत दृष्टि रखते हैं और अधर्मी आचरण करते हैं, उनके लिए भगवान भी कृपालु नहीं हो पाते। इसलिए, भगवान की कृपा पाने के लिए अपने आचरण को सुधारना आवश्यक है। इस प्रकार सही जीवनशैली, भजन-कीर्तन और मंत्र जाप से व्यक्ति जीवन में हर तरह की असफलता से बच सकता है।
प्रेमानंद जी महाराज द्वारा जीवन सुधार के लिए मुख्य बातें
- सुबह उठकर मंत्र जाप करें, यह सफलता की पहली सीढ़ी है।
- जीवन में पाप और अधर्म छोड़कर शुद्ध आचरण करें।
- नियमित नामजप से पूर्व कर्मों का प्रभाव कम होता है।
- परोपकार और बड़े-बूढ़ों की सेवा करें।
- नशा, गलत विचार, और प्रमाद से दूर रहें।
- सत्संग और धार्मिक पाठ से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
- संकट और दुखों का निवारण गजेंद्र मोक्ष जैसे पाठों से संभव है।
निष्कर्ष
प्रेमानंद जी महाराज का यह सरल और प्रभावी मंत्र जप जीवन में खुशहाली और सफलता लाने का एक tested तरीका है। यदि इसे सच्चे मन से और नियमित रूप से किया जाए, तो व्यक्ति जन्म-जन्म के कष्टों से मुक्त होकर स्वस्थ, सुखी और सफल जीवन पा सकता है। साथ ही, उनका यह संदेश भी महत्वपूर्ण है कि बिना पुण्य कर्मों और शुद्ध आचरण के मंत्र जाप केवल दिखावा भर रहता है।
इसलिए जीवन में कभी असफलता नहीं मिलेगी, यह मानना तभी सही होगा जब व्यक्ति अपने कर्म, सोच और व्यवहार को भी सुधारकर इसे अपनाए।