सहारा समूह से जुड़ी भुगतान और रिफंड प्रक्रिया पर लंबे समय से देशभर में चर्चा चल रही थी। हजारों निवेशकों और इससे जुड़े अधिकारियों के लिए यह मामला बेहद संवेदनशील रहा है। सरकार और अदालत के निर्देशों के बाद, अब 2025 में एक बड़ा कदम उठाया गया है।
अक्टूबर से सहारा के कुछ उच्च पदाधिकारियों और निदेशकों को उनकी पहली किस्त का भुगतान शुरू हुआ है। इस बार राशि ₹50,000 की है, जो अक्टूबर 1, 2025 से जारी की जा रही है। यह कदम उन लोगों के लिए राहत का संकेत है जो सहारा की वित्तीय समस्याओं और कानूनी प्रक्रियाओं के कारण वर्षों से अपना पैसा पाने का इंतज़ार कर रहे थे।
खासकर डायरेक्टर्स और उच्च अधिकारी, जिन्होंने कंपनी में निवेश या अन्य वित्तीय हिस्सेदारी रखी थी, के लिए यह भुगतान एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यह पूरी रकम नहीं है, लेकिन पहली किस्त शुरू होना इस मामले में प्रगति का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
सरकार ने इसके तहत फंड रिलीज की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ लागू करने की बात कही है। यह सभी भुगतान सहारा के संसाधनों से और कोर्ट की निगरानी में किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
Sahara Refund Update 2025
सहारा रिफंड स्कीम 2023 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य उन निवेशकों और शेयरधारकों का पैसा वापस दिलाना था जिन्होंने सहारा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में निवेश किया था और कई वर्षों से अपनी रकम नहीं पा सके थे। इस स्कीम को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से लागू किया गया था।
इस स्कीम के तहत, भुगतान पहले छोटे निवेशकों पर केंद्रित था, जिनकी निवेश राशि कम थी और जिनकी वित्तीय स्थिति कमजोर थी। लेकिन अब 2025 में, इस स्कीम को विस्तार देकर सहारा कंपनी के कुछ डायरेक्टर्स और उच्च प्रबंधन को भी शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब कंपनी प्रबंधन में जुड़े लोगों को भी उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
₹50,000 की पहली किस्त को “प्रारंभिक राहत” के रूप में पेश किया गया है। इसके बाद आगे क्रमश: अन्य किस्तों में पूरी रकम लौटाने का प्लान है। इस प्रक्रिया में सभी भुगतान डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के जरिए किए जाएंगे, ताकि लेन-देन सुरक्षित और पारदर्शी रहे।
कब और कैसे मिलेगा भुगतान
इस नई घोषणा के मुताबिक, सहारा के डायरेक्टर्स को भुगतान 1 अक्टूबर 2025 से शुरू किया गया है। भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया में लाभार्थियों की पहचान पहले से ही सत्यापित की जा चुकी है, जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड और निवेश संबंधित दस्तावेजों को जांचा गया है।
भुगतान पाने के लिए जिन डायरेक्टर्स का नाम सूची में है, उन्हें किसी अतिरिक्त आवेदन की आवश्यकता नहीं है। वे पहले से ही रिफंड स्कीम में रजिस्टर्ड हैं और उनकी रकम रिलीज के लिए तय की गई है। उम्मीद है कि अक्टूबर महीने में अधिकतर डायरेक्टर्स को भुगतान मिल जाएगा, जबकि बाकी भुगतान नवंबर और दिसंबर में भेजा जा सकता है।
सरकार और कोर्ट की भूमिका
इस पूरी रिफंड प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका बेहद अहम रही है। कोर्ट ने सहारा समूह को निर्देश दिया था कि निवेशकों और अन्य लाभार्थियों का पैसा प्राथमिकता से लौटाया जाए। कोर्ट के आदेश के अनुसार केंद्र सरकार ने सहारा की संपत्तियों और जमा रकम से भुगतान की व्यवस्था की है।
सरकार ने इस स्कीम में पारदर्शिता लाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया था, जहां लाभार्थी अपना स्टेटस देख सकते थे। यह सुनिश्चित किया गया कि भुगतान के दौरान किसी भी तरह का पक्षपात या देरी न हो।
प्रक्रिया में मुख्य कदम
- लाभार्थियों की सूची तैयार करना
- दस्तावेज सत्यापन (आधार, पैन, निवेश प्रमाण)
- बैंक खाते की पुष्टि
- कोर्ट और सरकारी निगरानी में भुगतान जारी करना
ये सभी कदम एक तय टाइमलाइन पर पूरे किए गए, जिसके बाद डायरेक्टर्स के लिए पहली किस्त जारी कर दी गई है।
आगे की भुगतान योजना
पहली किस्त के बाद सहारा डायरेक्टर्स को शेष राशि किस्तों में लौटाने का प्लान है। अनुमान है कि अगले 6 से 8 महीनों के भीतर पूरी रकम लौटा दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि यदि सहारा के पास अतिरिक्त फंड रिसोर्स आता है, तो भुगतान की गति और भी तेज कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया निवेशकों और अधिकारियों के लिए एक संयुक्त रिफंड मिशन का हिस्सा है।
निष्कर्ष
सहारा रिफंड अपडेट 2025 से यह साफ है कि लंबे इंतज़ार के बाद अब निदेशकों को भी उनका पैसा वापस मिलना शुरू हो गया है। अक्टूबर 1 से ₹50,000 पहली किस्त का भुगतान राहत की शुरुआत है, जो आने वाले महीनों में आगे बढ़ेगा। यह कदम निवेशकों और सहारा से जुड़े सभी पक्षों के लिए भरोसा और उम्मीद का संदेश देता है।