सरसों तेल भारतीय किचन का एक अहम हिस्सा है, जिसका उपयोग विशेष रूप से उत्तर भारत, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत बड़े स्तर पर होता है। हाल के कुछ महीनों में सरसों तेल के भाव में अचानक गिरावट देखने को मिली है, जिससे आम जनता राहत महसूस कर रही है। सरकार द्वारा नई फसल को बाजार में लाने और स्टॉक रिलीज करने के चलते यह बदलाव देखने को मिला है।
सरसों तेल के रेट में यह गिरावट क्यों हुई, इसका लाभ उपभोक्ता को कितना मिल रहा है, और बाजार दरें कितनी हैं, इन सबके बारे में सरल भाषा में विस्तार से जानिए।
2025 में सरसों तेल रेट की प्रमुख बातें
सरसों तेल के रेट में आई भारी गिरावट ने खरीददारों के लिए फायदे की स्थिति बना दी है। प्रमुख मंडी भाव की बात करें तो:
- औसत कीमत (सितंबर 2025): ₹15,392 / क्विंटल
- न्यूनतम मंडी भाव: ₹14,300 / क्विंटल
- उच्चतम मंडी भाव: ₹18,330 / क्विंटल
- अधिकांश मंडियों में रेट ₹14,000 से ₹16,000 / क्विंटल तक देखने को मिले हैं
- रिटेल मार्केट में सरसों तेल का भाव ₹150 से ₹154 / किलो तक पहुंच गया है
- सरकार के नए नियम व स्टॉक रिलीज से भाव रुक-रुक कर घट-बढ़ रहा है
मुख्य कारण – गिरावट के पीछे
सरसों तेल की कीमतों में आई गिरावट के पीछे कई कारण रहे:
- नई और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल का आगमन हुआ है, जिससे आपूर्ति बढ़ी है
- सरकार ने बाजार में स्टॉक रिलीज कर दामों को कंट्रोल करने की पहल की
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के रेट स्थिर रहे जिससे घरेलू बाजार में भी दबाव बना
- आयात में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जिससे सप्लाई चेन सुचारू रही है
- उपभोक्ता मांग में अधिक गिरावट नहीं आई, जिससे कीमतें सामान्य रहीं
प्रदेशवार मंडी भाव
राज्य/शहर में सरसों तेल के रेट अलग-अलग रहे हैं। सबसे ज्यादा रेट उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में देखे गए, जबकि मध्य प्रदेश में भाव चीज़ें कम रहीं।
प्रमुख राज्यों में सरसों तेल रेट (सितंबर 2025)
- मध्य प्रदेश: ₹14 / किलो, ₹1400 / क्विंटल
- बिहार: ₹27.5 / किलो, ₹2750 / क्विंटल
- पश्चिम बंगाल: ₹24.3 / किलो, ₹2430 / क्विंटल
- गुजरात: ₹63.1 / किलो, ₹6310 / क्विंटल
- उत्तर प्रदेश: ₹146 / किलो, ₹14600 / क्विंटल
सरसों तेल रेट 2025 का ओवरव्यू (सरकारी स्रोत अनुसार)
मुख्य जानकारी | अद्यतित आंकड़े (सितम्बर 2025) |
औसत भाव (रेट) | ₹15392 / क्विंटल |
न्यूनतम मंडी भाव | ₹14300 / क्विंटल |
उच्चतम मंडी भाव | ₹18330 / क्विंटल |
खुदरा कीमत (प्रति किलो) | ₹150 – ₹154 |
पिछली कीमत (माह) | ₹16000 / क्विंटल |
एमएसपी (सरकार) | ₹5950 / क्विंटल |
राज्यों में भिन्नता | यूपी: ₹14600, बंगाल: ₹2430 |
बाजार में बदलाव | नई फसल, स्टॉक रिलीज |
2025 की सरकारी नीति व प्राइस कंट्रोल
सरकार द्वारा सरसों तेल के भंडारण व मार्केट रिलीज को लेकर नये दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इससे:
- बाजार में जमाखोरी पर रोक लगी है
- उपभोक्ता को रियायती दर पर सरसों तेल मिल रहा है
- किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिल पाने का मौका मिला है
क्या इस गिरावट का आम आदमी को लाभ हुआ?
- घरेलू बजट पर असर पड़ा – सरसों तेल सस्ता हुआ, जिससे खाने का बजट भी कुछ घटा है
- व्यापारियों ने स्टॉक क्लीयर किया, जिससे उपभोक्ता तक सस्ती दर में तेल पहुंचा
- किसानों को फसल का सही दाम मिला, जिससे वे संतुष्ट हैं
विशेषज्ञों की राय
- बाजार विश्लेषकों का कहना है कि सरकार यदि फसल बिकवती रही तो भाव स्थिर रहेंगे
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी गिरावट नहीं आई, इससे घरेलू बाजार भी संतुलित रहा
- उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि तेल खरीदने में थोड़ी समझदारी रखें और मंडी दरों की तुलना जरूर करें
आने वाले समय में क्या हो सकता है?
- सरकार जैसे-जैसे स्टॉक रिलीज करेगी भाव में बदलाव देखे जा सकते हैं
- वैश्विक बाजार में कोई बड़ी हलचल होने पर रेट अचानक बढ़ भी सकते हैं
- किसान व उपभोक्ता दोनों को स्थिति पर निगरानी बनाए रखना चाहिए
खरीददारी से पहले इन बातों का ध्यान रखें
- हमेशा सरकारी मंडी रेट ही देखें
- स्टॉक के नाम पर जमाखोरी करने वालों से बचें
- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय सतर्क रहें
- मंडी भाव व रिटेल रेट में अंतर का विश्लेषण कर लें
मुख्य बिंदु – Sarso Tel Rate 2025
- बाजार भाव में अचानक गिरावट आई
- सरकार की नीति ने कीमतों को नियंत्रित रखा
- उपभोक्ता व किसानों दोनों को लाभ मिला
- भविष्य में घबराने की जरूरत नहीं, सरकारी रिपोर्ट पर ही भरोसा रखें
- ध्यान रखें फर्जी ऑफर्स व भारी डिस्काउंट का झांसा ना लें